विधानसभा के विशेष सत्र में शनिवार को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस) सरकार ने 169 वोटों से विश्वास मत (फ्लोर टेस्ट) हासिल कर लिया। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने सदन में प्रस्ताव पेश किया। भाजपा ने इस सत्र पर सदन में आपत्ति जताई और विश्वास मत से पहले उसके 105 विधायकों ने वॉकआउट किया। जबकि वोटिंग के दौरान 4 अन्य विधायक तटस्थ रहे। सरकार के विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वंदे मातरम् के बिना अधिवेशन कैसे शुरू हो गया? यह अधिवेशन नियमों के खिलाफ है, इसलिए राज्यपाल से सत्र की कार्यवाही रद्द करने की मांग करेंगे। इस दौरान गठबंधन के विधायकों ने उनकी हूटिंग की। भाजपा सदस्यों ने भी नारेबाजी की। गठबंधन ने पूरी उपस्थिति के लिए व्हिप जारी किया था।
वहीं, स्पीकर के पद के लिए कांग्रेस की तरफ से नाना पटोले और भाजपा के किसन कठोरे उम्मीदवार होंगे। इसके लिए रविवार को चुनाव होगा। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बहुमत साबित करने के लिए उद्धव ठाकरे को 3 दिसंबर तक का वक्त दिया था। गठबंधन में शामिल तीनों दलों के पास 154 विधायक हैं, सरकार को इससे 15 वोट ज्यादा मिले। जबकि बहुमत का आंकड़ा 145 है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विश्वास मत के बाद कहा- ''सदन का आभार व्यक्त करता हूं। मैं पहली बार सदन में आया हूं। शपथ ग्रहण में अपने माता-पिता और महापुरुषों का नाम लेने में क्या बुराई है। अगर यह गुनाह है तो मैं इसे बार-बार करूंगा। शिवाजी हमारे भगवान हैं। मैं सामने से लड़ने वालों में से हूं। मतभेद होते हैं लेकिन यहां पर गलत ढंग से मतभेद को रखने की कोशिश हुई। मुझे उस महाराष्ट्र की जरूरत है जो साधु संतों का है, वीरों का है, महापुरुषों का है।''
अपडेट्स
- पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- यह अधिवेशन नियमों के खिलाफ बुलाया गया है। आज बिना वंदे मातरम् गाए अधिवेशन हो रहा है। इस पर प्रोटेम स्पीकर दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि मंत्रियों की शपथ के बाद राज्यपाल की अनुमति से अधिवेशन बुलाया गया है।
- भाजपा विधायकों ने भी 'दादागिरी नहीं चलेगी' के नारे लगाए। स्पीकर ने फडणवीस से कहा- आपकी पार्टी से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। इसलिए आप अपने सदस्यों से कहें कि सदन की गरिमा का ध्यान रखा जाए।
- फडणवीस ने कहा- उद्धव ठाकरे ने जिस तरीके से मंत्रियों का परिचय कराया वह सही नहीं है। क्योंकि उन्होंने संविधान के नियम के हिसाब से शपथ नहीं ली। इस पर स्पीकर ने उन्हें रोका और कहा कि सदन से बाहर हुई बातों की चर्चा यहां नहीं होनी चाहिए। इस पर फडणवीस ने कहा कि मैं संविधान के नियम की चर्चा कर रहा हूं और मुझे इसका हक है।